काही वाचलेले, सहज सुचलेले

Post date: Mar 28, 2014 6:15:40 PM

मंजिल तो मिल हि जायेगी भटक कर हि सही ;

गुमराह तो वो है, जो घरसे निकला हि नही करते |

भटकलात तरी ध्येय मिळतेच

नेटाने क्रमता ध्येयमार्ग ;

भटकलेला तर तो आहे

जो क्रमितच नाही ध्येयमार्ग |

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अगर खुदा नही है तो उसका जिक्र क्यो ??

और अगर खुदा है तो फिर फिक्र

नसता देव जगी, त्याचा उल्लेख कशाला ;

असता देव जगी, कसलीही चिंता कशाला |

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येउनी स्वप्नात माझ्या साजणा परत जाऊ नकोस ;

अन मी तुझ्या स्वप्नात येते हे कुणा सांगू नकोस |

आके मेरे ख्वाबोमे वापीस मत जाना साजन ;

और मै तुम्हारे खावोमे आती हुं ये किसीको मत बताना साजन | (स्वैर अनुवाद )

આવીને શમણાઓ મારા, પાછા ના ફરતા સાજન ;

અને હું છું તમારા શમણાઓમાં , એ વાત કોઈને ન કરતા સાજન । (સ્વૈર અનુવાદ)